दशकों से विकास के अंधेरे में डूबे पंवाया में गरीबों के मसीहा बने बीरप्रकाश सिंह उर्फ़ बीरु

बीरप्रकाश का सपना स्वच्छ पंवाया डिजिटल पंवाया हो अपना

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हरदोई। यूपी में विकास के अनेकों कागजी दावे किए जाते हैं। जनहित की सेवा में सरकारी महकमा जो अधिकांश दावे करता है उनमें से ज्यादातर तो कोरे ही साबित होते है। सरकारी महकमे द्वारा बताया जाता है कि सभी शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में विकास बेहतर ढंग से हो रहा है। लेकिन विकास की हकीकत कुछ और ही है। कंचन उजाला की पडताल में एक सच सामने आया है। जी हां मामला हरदोई जनपद के भरावन विकासखंड के पंवाया गांव का है। जहाँ मूलभूत सुविधाओं का अभाव दशकों से रहा है। जिले का प्रशासन समस्याओं को गंभीरता स्वरूप स्वीकार करने की चेष्टा तक नही करता है। इसबीच निःस्वार्थ भाव से जनसेवाभाव लिए बीरप्रकाश बतौर सेवक के रूप में इनदिनों चर्चा में है। जरूरतमंद लोगों की सेवा और गाँव के विकास के लिए जनता के सच्चे सेवक के रूप में सामने आए बीरप्रकाश सिंह उर्फ़ बीरु ने गाँव के गरीब लोगों के परिवार के साथ जनहित के प्रति ख़ासा सहयोग दिया है। वह जरूरतमंद लोगों की समस्याओं पर सक्रिय होकर रात- दिन बराबर जनसेवा में लगे रहते है। वो चाहे गाँव की विद्युत व्यवस्था में प्रमुख सहयोग हो,विधवा पेंशन, स्वच्छता व किसानों को उनका हक दिलाने के लिए गांव सहित तमाम जगह क्षेत्र में तत्पर रहते हैं। बीरप्रकाश सिंह का सपना है कि, हमारे गाँव में डिजिटल व्यवस्था हो गांव में अच्छी सडक होने के साथ एक राजकीय इण्टर कालेज बने जिसमें बच्चों को क्रीड़ा व्यवस्था के अनुरूप उन्हें बेहतर शिक्षा दी जाये। इसके साथ ही वह किसानों के प्रति भी समर्पित रहते है। यही कारण है कि पंवाया गांव के सर्वांगीण विकास की अलख जलाने के लिए बीरप्रकाश सिंह बीरु का जनसेवा करना ही प्रमुख उद्देश्य है।

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