केरल हाईकोर्ट : कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच क्यों है 84 दिन का अंतराल, जवाब देने के लिए केंद्र ने मांगा समय
केरल हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए केंद्र से पूछा है कि कोरोना वैक्सीन की दो खुराकों के बीच समय क्यों बढ़ाया जा रहा है। इसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण है या वैक्सीन की उपलब्धता नहीं है।
कोच्चि। केरल हाईकोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार से यह बताने को कहा कि कोविशील्ड वैक्सीन की पहली खुराक लेने के बाद दूसरी खुराक लेने के लिए 84 दिनों का अंतर क्यों है। अदालत ने यह भी पूछा कि यदि टीके स्वयं पक्षों या पार्टियों द्वारा सोर्स या प्राप्त कर कर लिए जाएं तो क्या समय के अंतर को कम करना संभव है।
कोर्ट ने यह टिप्पणी काइटेक्स समूह की कंपनियों द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई के दौरान की, जिसमें कहा गया था कि शुरू में कोविशील्ड की दूसरी खुराक लेने की समय सीमा 45 दिन थी। अदालत ने पूछा कि क्या समय अंतराल इसलिए बढ़ाया गया था, क्योंकि इसकी बेहतर प्रभावकारिता देखी गई थी या फिर यह समय पर टीकों की सोसिर्ंग में समस्याओं के कारण बढ़ाया गया था। अदालत ने केंद्र से इन मुद्दों पर अपना हलफनामा देने को कहा है और मामले को गुरुवार के लिए निर्धारित कर दिया है।
केंद्र ने मांगा गुरुवार तक का समय
कोर्ट ने केरल सरकार से भी यह पूछा था कि वह 84 दिन पूरे होने के बाद ही वैक्सीन की दूसरी डोज क्यों लगा रही है। राज्य सरकार ने अपने जवाब में कहा कि वह केंद्र की ओर से कोरोना टीकाकरण के लिए जारी किए गए दिशानिर्देशों का पालन कर रहा है। यही सवाल कोर्ट ने केंद्र सरकार से भी पूछा कि कोविशील्ड की दो खुराकों के बीच पहले चार सप्ताह का अंतराल था। बाद में इसके 12 से 16 सप्ताह के लिए क्यों बढ़ाया गया। इसके बाद केंद्र सरकार ने कोर्ट से गुरुवार तक का समय मांगा है। अब मामले की सुनवाई 26 अगस्त को होगी।
काइटेक्स ने अपनी याचिका में कहा कि वह अपने पांच हजार से ज्यादा कर्मचारियों को कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक लगवा चुकी है और दूसरी खुराक का भी इंतजाम कर रही है, लेकिन जारी प्रतिबंधों के कारण उसे अनुमति नहीं मिल रही है।