कोरोना का कहर: डेढ़ साल बाद कक्षा छह से आठ के लिए खुले स्कूल, छात्रों को संक्रमण से बचाने को मैनेजमेंट सक्रिय

कोरोना काल के चलते करीब डेढ़ साल से बंद चल रहे स्कूलों में फिर से बहार देखने को मिली। कक्षा 9 से बारह के बच्चों के लिए पहले ही स्कूल खुल चुके हैं। वहीं कक्षा 6 से आठ तक के बच्चों का भी इंतजार समाप्त हुआ।

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लखनऊ। कोरोना काल के चलते करीब डेढ़ साल से बंद चल रहे स्कूलों में मंगलवार से बहार देखने को मिली। कक्षा 9 से बारह तक के बच्चों के लिए पहले ही स्कूल खुल चुके हैं। वहीं कक्षा 6 से आठ तक के बच्चों का भी इंतजार समाप्त हुआ। मंगलवार से कक्षा से छह से आठ तक की कक्षाओं का संचालन शुरू हो गया। स्कूल भी इनके स्वागत के लिए स्कूल तैयार दिखे। इसी के साथ कोरोना काल में इन बच्चों की भी ऑफलाइन पढ़ाई का श्री गणेश हो गया। अधिकांश स्कूल सुबह 8 बजे ही खुले। राहत देने वाली बात यह है कि मंगलवार से इनकी कक्षाएं शुरु हो रही हैं और सोमवार को राजधानी में कोरोना संक्रमण के नए मामले शून्य रहे।


स्कूलों का दावाः स्कूल संचालकों का दावा है कि इन बच्चों की सुरक्षा के लिए भी कोरोना गाइडलाइंस का पालन गंभीरता से किया जाएगा। स्कूल गेट पर बच्चों का टेंपरेचर चेक करके ही प्रवेश दिया गया। इसके अलावा हर बच्चे को अनिवार्य रूप से सैनिटाइजर उपलब्ध कराया गया। बिना मास्क के किसी भी बच्चे, स्टाफ व शिक्षक का प्रवेश स्कूल के अंदर प्रतिबंधित है।


एसकेडी प्रबंधक मनीष सिंह व सीएमएस निदेशक गीता गांधी ने बताया कि स्कूल में कोविड 19 को लेकर जारी एसओपी का अनिवार्य रूप से पालन कराया जा रहा है। कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों के लिए भी पूरी एहतियात बरती जा रही है। कक्षाएं सुबह 8 बजे से 12 बजे के मध्य संचालित की जाएंगी। अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल का कहना है कि सभी स्कूलों ने कोरोना से बचाव की गंभीरता से तैयारी की है।


क्लास में कुछ ऐसा रहेगा सिटिंग सिस्टमः स्कूल प्रबंधकों व प्रिंसीपलो ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए कक्षाओं में शारीरिक दूरी के मानक का पालन कराया जा रहा है। अगर किसी क्लास में 40 विद्यार्थी हैं तो उसे दो सेक्शन में बांटा गया है। दोनो सेक्शन के छात्रों को अगल-अगल कमरे में बैठाया जाएगा है। यानी अगर किसी क्लास में चार सेक्शन हैं तो उस क्लास में आठ सेक्शन बनाएं गए हैं, जिससे एक क्लास में 20 बच्चे ही बैठें। उन्होंने बताया कि अगर फिर भी छात्र संख्या अधिक रहती है तो उन बच्चों की आनलाइन क्लास भी संचालित कराई जा सकती हैं।


स्कूलों को शासन द्वारा जारी कोविड गाइडलाइंस का गंभीरता से पालन करना होगा। किसी स्तर पर लापरवाही सामने नहीं आनी चाहिए। –विजय प्रताप सिंह, बीएसए, लखनऊ

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