लखनऊ: विवादों में रहने वाले DIG वायरलेस पर अब धोखाधड़ी का मुकदमा, फ्लैट बेचकर मुकरे

पुलिस वायरलेस विभाग के डीआईजी अनिल कुमार और उनकी पत्‍नी समेत 5 लोगों के खिलाफ महानगर थाने में एक व्‍यवसायी ने मुकदमा दर्ज कराया है। आरोप है कि अपना फ्लैट बेचने के बाद एडवांस पैसे लेकर डीआईजी वादे से मुकर गए।

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लखनऊ। अक्सर विवादों में रहने वाले पुलिस वायरलेस विभाग के डीआईजी अनिल कुमार उनकी पत्नी पुष्पा समेत चार लोगों के खिलाफ हाई कोर्ट के आदेश पर धोखाधड़ी और धमकी देने का मुकदमा दर्ज हुआ है। महानगर थाने में दर्ज इस मुकदमे में कल्याणपुर, गुडंबा निवासी व्यवसायी रमेश कुमार गुप्ता ने आरोप लगाया है कि अनिल कुमार और उनकी पत्नी ने इंदिरा दर्शन रेजीडेंसी, महानगर स्थित अपना फ्लैट 60 लाख रुपये में बेचने का वादा किया। उन्होंने इसके लिए 5 लाख रुपये एडवांस और शेष धनराशि किश्तों में देने की बात कही। रमेश कुमार गुप्ता ने तत्काल एडवांस दे दिया, जिसके बाद अनिल कुमार ने उन्हें फ्लैट का कब्‍जा दिया और गुप्ता ने उस पर रंगाई-पुताई शुरू कर दिया। इसके बाद अनिल कुमार अपने वादे से पलट गए और उन्होंने गुप्ता को जबरदस्ती फ्लैट से बेदखल कर दिया।

आरोप है कि रमेश गुप्ता डीआईजी वायरलेस को 6 लाख 40 हजार रुपये एडवांस दे चुके थे और उनका रंगाई-पुताई पर 62 हजार रुपये खर्च हो चुका था। एफआईआर के अनुसार, जब गुप्ता ने अपना पैसा वापस मांगा तो अनिल कुमार ने अपने स्टाफ के माध्यम से उन्हें धमकी दी और अपनी पत्नी की तरफ से उनके खिलाफ छेड़छाड़ का फर्जी मुकदमा भी महिला थाना, हजरतगंज में लिखवा दिया। गुप्ता ने कहा कि वे पिछले 1 साल से एफआईआर के लिए दौड़ रहे थे पर किसी भी स्तर पर उनकी सुनवाई नहीं हो रही थी। बाध्य होकर उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट की शरण ली। गुप्‍ता के मुताबिक, इस लड़ाई में उन्‍हें आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी डॉ नूतन ठाकुर का भी सहयोग मिला। बता दें कि पुष्पा अनिल ने पूर्व में अमिताभ पर भी छेड़छाड़ के आरोप लगाए थे जिसे सीजेएम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।

महिला दरोगा की कार मिली थी डीआईजी के बंगले पर
बता दें कि वायरलेस विभाग के डीआईजी अनिल कुमार का विवादों से पुराना नाता है। पिछले साल महानगर में तैनाती के दौरान महिला दरोगा से ठगी गई कार डीआईजी के बंगले में खड़ी मिली थी। महिला दरोगा पूजा यादव से उनकी कार बरेली निवासी चंद्रपाल सिंह ने ट्रेवल एजेंसी में लगवाने के लिए ली थी। इसके बदले में 20 हजार रुपये प्रति माह देने का वादा किया था। एक महीना होने पर भी पैसे नहीं मिले तो पूजा ने कार वापस मांगी। पूजा का आरोप था कि चंद्रपाल ने खुद को अधिकारियों का करीबी बताकर कार लौटाने से मना कर दिया। पुलिस ने चंद्रपाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था। पूजा ने पुलिस को फोन कर बताया था कि उनकी कार डीआईजी वायरलेस अनिल कुमार के महानगर स्थित बंगले पर खड़ी है।

सेवानिवृत्त सिपाही ने लगाया था इनोवा हड़पने का आरोप
इसके अलावा एक रिटायर सिपाही डीआईजी वायरलेस और उनकी पत्‍नी पर अपनी इनोवा गाड़ी छीनने का आरोप भी लगा चुका है। सिपाही का आरोप था कि डीआईजी की पत्नी से उन्होंने 17.80 लाख रुपए में गाड़ी का सौदा कर उन्हें 5 लाख रुपये भी दे दिए थे। बकाया रकम देने से पहले ही गाड़ी उठा ली गई। डीआईजी वायरलेस की पत्नी पुष्पा अनिल की ओर से एक रिपोर्ट लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाने में दर्ज कराई गई थी जिसमें उन्होंने रिटायर्ड सिपाही देवेंद्र शर्मा पर अपनी इनोवा कार हड़पने का आरोप लगाया था।

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