लखनऊ में 200 अनाथ बच्चे चिह्नित, प्रतिमाह मिलेगा 2500 रुपये सहायता

योजना के अन्तर्गत पात्रता की श्रेणी में आने वाले परिवार के बच्चों को प्रतिमाह प्रति बालक/बालिका 2500 रुपये की सहायता धनराशि प्रदान की जायेगी।

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लखनऊ। माता पिता की मृत्यु होने पर अब सरकार बच्चों की मदद को तैयार हो गई है। सिर्फ कोरोना ही नहीं, किसी और कारण से भी यदि बच्चों के सिर से माता पिता का साया उठा तो उनको मदद मिलेगी। कोविड से इतर जो अनाथ हुए ऐसे 200 बच्चे फिलहाल राजधानी में चिह्नित हुए हैं। ब्लॉक और ग्राम स्तर पर फार्म भरवाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि अनाथ बच्चों की संख्या और बढ़ेगी।

पिछले माह ही कैबिनेट की बैठक में राज्य सरकार ने अनाथ बच्चों को आर्थिक मदद की योजना को मंजूरी दी गई है। साथ ही सभी जिलों को शासन ने निर्देश दिया है कि बिना समय गंवाए बच्चों को चिह्नित कर उनको योजना का लाभ दिलवाएं ताकि उनकी पढ़ाई छूटने न पाए। इसी क्रम में राजधानी में भी फार्म भरवाए जा रहे हैं। डीपीओ विकास सिंह के अनुसार आवेदन पूरे हो जाएंगे तो उनका सत्यापन किया जाएगा। इसके बाद उनकी सूची बनाकर भेजी जाएगी। मार्च 2021 के बाद जिनकी मृत्यु हुई है उन माता-पिता के बच्चों को इसका लाभ दिया जाना है।


जिन्होंने जांच नहीं करवाई थी ऐसे लोग दायरे में आएंगे

सरकार ने इसके पूर्व उन बच्चों के लिए आर्थिक सहायता की योजना को मंजूरी दी थी जिनके अभिभावक कोविड के कारण दुनिया में नहीं रहे। इसमें एक दिक्कत यह आ रही थी कि कई लोग जांच ही नहीं करवा सके। मृत्यु कोविड से हुई लेकिन परिवार के पास कोई ऐसा दस्तावेज नहीं था जिससे साबित हो कि मृत्य का कारण कोविड था। खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में अधिसंख्य मौतें ऐसी हुई हैं जिनके पीछे रह गए परिवार के पास कोई दस्तावेज नहीं है। सिर्फ मौत के बाद जारी हुआ सामान्य मृत्यु प्रमाणपत्र है। ऐसे मामले इस नई योजना के दायरे में आएंगे।


ऐसे मिलेगा लाभ
उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के तहत अनाथ हुए 18 वर्ष तक से बच्चों को आर्थिक मदद मिलेगी। साथ ही 18 से 23 वर्ष तक के उन अनाथ बच्चों को भी योजना का लाभ मिलेगा जो महाविद्यालय, विश्वविद्यालय या तकनीकी संस्थाओं से स्नातक कर रहे हों। नीट, क्लैट व जेईई जैसी राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षा पास करने वाले भी योजना का लाभ पा सकेंगे ।


स्नातक स्तरीय शिक्षा पूरी होने तक मिलेगा लाभ
योजना के मुताबिक इस योजना का लाभ एक परिवार के अधिकतम दो बच्चों को ही दिया जाएगा। प्रति बच्चे 2500 हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा। यदि अनाथ हुए बच्चे की उम्र 18 साल से अधिक है तो उस बच्चे को 23 साल की उम्र पूरी होने तक या स्नातक की शिक्षा पूरी होने तक या दोनों में से जो भी पहले पूरा होगा, वह भी इस योजना का लाभ पा सकेंगे। इस योजना पर आने वाला सारा खर्च प्रदेश सरकार वहन करेगी।


■ कोरोना से इतर जिन्होंने इस साल माता-पिता को खोया उनको भी प्रति माह 2500 रुपए देगी सरकार

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