गोमती के संरक्षण को लेकर महंत दिव्या गिरी की हुई बैठक, जल्द ही निकलेंगी “गोमती गौरव यात्रा”

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कंचन उजाला ब्यूरों
लखनऊ। वर्तमान समय में सभी लोगों में जनप्रतिनिधि बनने की तो होड़ लगी रहती है लेकिन वही जनप्रतिनिधि अपने उद्देश्य की प्राप्ति के बाद कहीं न कहीं अपनी मुख्य जिम्मेदारियों से दूर हट जाते हैं। इस बात को स्पष्ट लिखने के पीछे का उद्देश्य है राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अनुशांगिक संगठन लोक भारती द्वारा लगातार प्रयासरत होने के बावजूद गोमती नदी में फैले अतिक्रमण व गंदगी को पूर्णतया समाप्त करने में सफलता प्राप्त न हो पाना।

पीलीभीत जनपद के विकास खंड पूरनपुर के माधोटांडा गांव के समीप फुलहर झील (प्राचीनतम गोमत ताल) से निकलकर 14 जनपदों और 960 किलोमीटर का सफ़र तय करते हुए शाहजहांपुर, लखीमपुर, सीतापुर, हरदोई, सीतापुर, लखनऊ, बाराबंकी, अयोध्या, अमेठी, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, जौनपुर से होते हुए वाराणसी व गाजीपुर के बॉर्डर सैदपुर के समीप कैथी गांव में गंगा नदी में मिलती है। इससे पहले भी गोमती नदी को स्वच्छ और अतिक्रमण मुक्त करने के लिए लोक भारती द्वारा दो यात्राएं भी निकाली गई हैं लेकिन अभी तक उद्देश्य की पूर्ण प्राप्ति नहीं हो पाई है।

आखिर कब होगी अतिक्रमण रहित साफ सुथरी गोमती नदी

सनातन धर्म को मानने वाले लोग जिस गोमती नदी को “मां” कहते हैं, बड़े ही दुर्भाग्य की बात है कि आज भी नदियों को स्वच्छ बनाए रखने के लिए शासन स्तर से तमाम योजनाएं तो चलती हैं लेकिन धरातल में वो योजना कितना पहुंची है। उसका अंदाजा आप गोमती नदी के जल से ही लगा सकते हैं। फोटो खिंचाने के लिए साफ-सफाई के कार्यक्रम तो बहुत होते हैं लेकिन उसके बाद जमीनी हकीकत कुछ और ही होती है।

मन में अतिक्रमण मुक्त और स्वच्छ गोमती की अभिलाषा

लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर की पूज्य महंत देव्या गिरी ने “गोमती गौरव यात्रा” को लेकर प्रसन्नता जाहिर किया है। उन्होंने कहा है कि यह लखनऊ के साथ साथ पूरे देशवासियों के लिए दुःख की बात है कि मां गोमती को भी लोगों ने नहीं छोड़ा । यात्रा निकालने का मकसद ही लोगों को जागरूक करना और नदी में फैले अतिक्रमण को खत्म करवाना और नदी के जल को स्वच्छता से परिपूर्ण करना। जिससे उस जल से सभी आचमन कर सकें और शायद तभी मन को शांति भी मिलेगी।

लोक भारती के कार्य जाति, धर्म और राजनीति से हटकर

लोक भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बृजेन्द्र पाल ने बताया कि हमारा संगठन जाति, धर्म और राजनीति से हटकर काम करती है। उन्होंने बताया कि पिछली सरकारों में भी गोमती नदी के उत्थान के लिए हमने न सिर्फ प्रयास किए बल्कि उन सरकारों के सहयोग से गोमती मित्र मंडल की प्रदेश स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया था। जिसमें कृषि उत्पादन आयुक्त से लेकर सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी गोमती मित्र मंडल समेत प्रदेश मुख्यालय में उपस्थित हुए थे। तब से लेकर लोक भारती लगातार प्रयासरत तो हैं लेकिन शायद रिज़ल्ट से अभी भी बहुत दूर हैं।

लोक भारती के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री गोपाल कृष्ण उपाध्याय जी ने गोमती गौरव यात्रा की तैयारियों के सम्बन्ध में योजना बनाते हुए कहा है कि मां गोमती के आस्तित्व के मद्देनजर आगामी लोकसभा चुनाव के ठीक बाद हमें जागरूकता यात्रा निकालनी चाहिए। यात्रा का उद्देश्य जन-जन तक जागरूकता फैलाना है, लोग जागरूक होंगे और जब लोग जागरूक होंगे तो स्वतः अभियान से जुड़ेंगे और इसके बाद सरकार को भी कभी न कभी इस तरफ गौर करना ही पड़ेगा।

लखनऊ के गऊ घाट और घैला घाट में चलाया जा रहा सफाई अभियान

गोमती सफाई अभियान की संयोजिका सची सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि गोमती नदी के गऊ घाट में लोक भारती के 50-60 कार्यकर्ताओं ने सफाई अभियान शुरू किया था। जिसके फलस्वरूप वहां पर तत्कालीन वन मंत्री से लेकर मुख्य सचिव तक के कानों में आवाज गई और आज वहां का नजारा यह है कि प्रतिदिन 250-300 लोग गऊ घाट में टहलने के लिए आते हैं। ऐसा ही सफाई अभियान का कार्य वर्तमान में घैला घाट में भी लोक भारती की लखनऊ महानगर के उत्तर भाग की संयोजिका शिखा सिंह के नेतृत्व में चल रहा है।

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