अब यूपी में 5000 नोटरी अधिवक्ता की नियुक्ति का रास्ता साफ, जल्द शुरू होने वाली है भर्तियां

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पांच हजार नये नोटरी अधिवक्ता नियुक्त किये जायेंगे। इसके लिए केन्द्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। इन पदों में से आधे राज्य सरकार एवं आधे केन्द्र सरकार द्वारा भरे जायेंगे। इससे उत्तर प्रदेश में नोटरी अधिवक्ताओं की लम्बे अरसे से चली आ रही कमी भी पूरी हो सकेगी।

कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने अपने कार्यालय कक्ष में न्याय विभाग के अधिकारियों की एक बैठक बुलाकर उन्हें निर्देशित किया कि भारत सरकार द्वारा आवंटित पदों पर भर्ती की प्रक्रिया तत्काल शुरू की जाये। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि इसमें कोई लापरवाही न होने पाये।

उत्तर प्रदेश बड़ा राज्य होने के साथ ही बड़ी संख्या में नयें न्यायालयों का गठन भी किया गया है। इसके अलावा नये न्यायाधीशों के पदों का भी सृजन किया गया है। नयी तहसीलें भी बड़ी संख्या में बढ़ी हैं। नये पदों के सृजन में 610 पद सिविल जज जूनियर डिवीजन, 100 पद सिविल जज सीनियर डिवीजन व 100 पद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश स्तर के सृजित किये गये हैं। वहीं 110 नयी पारिवारिक अदालतें, 218 नये फास्ट ट्रैक पॉक्सो कोर्ट, 100 कोर्ट फास्ट ट्रैक महिलाओं के लिए, 13 नयें कामर्शियल कोर्ट व सभी जनपदों में मोटर एक्सीडेन्ट ट्रिब्यूनल की स्थापना की गई। जिसमें नोटरी अधिवक्ताअें की काफी कमी हो गयी थी।

प्रदेश के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक पिछले तीन वर्षों से राज्य में नोटरी अधिवक्ताओं के पदों की बढ़ोत्तरी के लिए लगातार प्रयत्नशील थे। इसके लिए उन्होंने बार-बार केन्द्रीय कानून मंत्री तथा कानून मंत्रालय के उच्चाधिकारियों से मुलाकात कर राज्य का पक्ष रखा और नोटरियों के कम पद होने के कारण उत्पन्न कठिनाइयों से अवगत कराया। उनके मार्गदर्शन में प्रदेश का न्याय विभाग भी लगातार भारत सरकार से पत्राचार करता रहा।

प्रदेश के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने व्यक्तिगत आग्रह करके केन्द्रीय कानून मंत्री की अध्यक्षता में न्याय विभाग के केन्द्रीय व राज्य स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक का आयोजन किया। श्री पाठक के इन सब प्रयासों से अन्ततः केन्द्र सरकार ने सहमत होते हुए उत्तर प्रदेश को 5000 नोटरी के अतिरिक्त पद आवंटित करते हुए अधिसूचना जारी की।

अभी तक उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में नोटरी के कुल 2625 पद ही थे, जिस कारण से वादकारियों तथा आम जनता को तमाम प्रकार की विधिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा था।

एक अध्ययन के मुताबिक अधिवक्ताओं, जो नियुक्त होने हैं, उन्हें कम से कम 30 हजार रूपये मासिक लाभ होने वाला है। इसके अतिरिक्त इन पांच हजार नोटरी अधिवक्ता नियुक्त होने से अप्रत्यक्ष रूप से पांच हजार अतिरिक्त सहायकों के रोजगार के अवसर मिलेंगे।

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