लखनऊ। पारा इलाके की कांशीराम कालोनी में रविवार तड़के महिला सरोज (55) की बदमाशों ने बेरहमी से हत्या कर दी। बदमाशों ने सरोज के हाथ बांधे, फिर हथौड़ी और ईंट से हमला कर उसकी हत्या कर दी। घटना से पहले सरोज के छह साल के पोते के मुंह में कपड़ा ठूंस कर बदमाशों ने उसे दूसरे कमरे में बंद कर दिया था। बदमाशों के जाने के बाद पोता किसी तरह बाहर आया तो सरोज का खून से लथपथ शव देखकर रोने लगा। इस पर पड़ोसियों को हत्या की जानकारी हुई। बड़े बेटे ने हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। पर, अभी हत्या की वजह सामने नहीं आयी है। पुलिस पुरानी रंजिश और सम्पत्ति विवाद समेत कई बिन्दुओं पर पड़ताल कर रही है।
बदमाशों से संघर्ष करती रही
पुरानी कांशीराम कॉलोनी के ब्लॉक-66 में सरोज अपने पोते रौनक के साथ रहती थीं। वह घर के पास ही पान की गुमटी भी लगाती थी। रविवार सुबह पोते रौनक की रोने की आवाज पर शाहिद, अनीस, नफीस समेत कई लोग अंदर पहुंचे तो देखा कि सरोज के सिर से काफी खून बहा हुआ है। गहरी चोट का निशान था। उसके शरीर के कई हिस्सों पर चोट के निशान थे। इससे लग रहा था कि वह बदमाशों से काफी देर तक संघर्ष करती रही। पर, बदमाशों के हाथ बांध देने और हथौड़ी से हमला करने के आगे वह कुछ नहीं कर सकी।
स्कूटी से आए थे बदमाश
पुलिस की पड़ताल में पता चला कि बदमाश स्कूटी से आए थे। वहीं, रौकन ने बताया जब वारदात के बाद बदमाश भागे तो वह कमरे से निकला उसने बाहर की ओर झांककर देखा तो दो लोग स्कूटी से जा रहे थे। रौकन ने एक हत्यारे की पहचान भी पुलिस को बताई है। पुलिस उसके आधार पर तलाश में दबिश दे रही है।
दहशत के 10 मिनट
रौकन ने बताया कि हत्यारे घर में करीब 10 मिनट तक रहे। उसके विरोध पर हत्यारों ने उसे धमकाते हुए मुंह में कपड़ा ठूंसकर कमरे में बंद कर दिया। इस बीच वह छुपकर देख रहा था। दादी चीख रही थीं और हत्यारे उन्हें मार रहे थे। घटना से वह बहुत डर गया था। उसकी चीखने की हिम्मत नहीं पड़ी।
वृद्धा से हुआ हत्यारों का संघर्ष
रौनक ने बताया कि दादी हत्यारों से भिड़ गई। जब हत्यारों ने दादी को भिड़ते विरोध करते देखा तो एक ने उनके हाथ बांध दिए थे। उसके बाद दूसरे ने हथौड़े से सिर पर वार किया और फिर हाथ की नस काटी थी। पुलिस को भी मौके पर वृद्धा के हत्यारों से संघर्ष के निशान मिले हैं। डाग स्क्वायड घटनास्थल से कुछ दूरी पर जाकर बैठ गया।
पोते ने एक हमलावार का नाम बताया
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गये। पारा इंस्पेक्टर राजेश ने बताया कि बड़ा बेटा कुछ दूरी पर ही रहता था। उसने हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। ये लोग मूल रूप से बाराबंकी के रामसनेही घाट के रहने वाले हैं। 12 साल पहले डूडा से मकान आंवटित होने पर सरोज पोते के साथ यहां रहने लगी थी। पुलिस ने पोते से जब पूछा तो उसने बताया कि ओम प्रकाश घर आया था। दादी ने ही दरवाजा खोला था। उसके साथ एक और व्यक्ति था। इन दोनों ने ही दादी को मार डाला। हालांकि, पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ ही मुकदमा लिखा है। ओम प्रकाश से भी पुलिस ने सम्पर्क किया है। वह वकील है।
कई बिन्दुओं पर पड़ताल
पुलिस के मुताबिक महिला के बेटे राधेश्याम ने बताया कि उनकी मां ने एलआईसी की एक पॉलिसी ली थी। इसकी अवधि पूरी होने पर डेढ़ लाख रुपये मिलने थे। काफी समय से वकील ओम प्रकाश उन्हें मिलने के लिये बुला रहा था। शनिवार को भी ओम प्रकाश ने फोन किया था लेकिन मां उससे मिलने नहीं गई थी। इस बिन्दु पर भी पुलिस पड़ताल कर रही है। इसके अलावा पुलिस को यह भी पता चला कि सरोज ने काफी समय पहले अपने पति को छोड़ दिया था। छोटा बेटा घनश्याम मां से नाराज रहता है। राधेश्याम पारा में ही पत्नी के साथ अलग रह रहा था। सरोज बीच में बाराबंकी गई थी, लेकिन घनश्याम की पत्नी से उसका झगड़ा हो गया तो वह जल्दी लौट आयी थी। इस पर ही पुलिस सम्पत्ति विवाद को भी देख रही है।