नहरों की साफ- सफाई तक नही, विभागीय अधिकारी शासन के मंसूबों पर फेर रहे पानी

सिंचाई विभाग की कारस्तानी से त्रस्त किसान आमरण अनशन पर बैठे

लखनऊ। सरकारी मशीनरी और सत्ता के चेहरे तो बदले लेकिन किसानों की हालत जस की तस बरक़रार है। करोड़ो रूपये खर्च होने के बावजूद हीलाहवाली और लापरवाही का दौर जारी है। वही इन दिनों नहर विभाग की उदासीनता किसानों की चिंता का कारण बनी हुई है। मलिहाबाद तहसील क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में नहरों में पानी न आने से किसानो का सब्र टूट गया है। किसानों की फसलें सूखने के कगार पर आ गयी है। सिंचाई विभाग की उदासीनता से आहत किसान आमरण अनशन पर सोमवार से बैठ गए है। किसानों का कहना है कि सरकार व संबंधित अधिकारी जब तक हमारी मांगे पूरी नही करते तब तक धरना जारी रहेगा। आपको बता दे कि अन्नदाता कहे जाने वाले किसान अपनी फसलों को सूखता हुआ देख कर बेतहाशा परेशान है। जबकि सरकार द्वारा कहा जा रहा है कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी की जायेगी। हालांकि देश के प्रधानमंत्री व सूबे के मुख्यमंत्री के सपने को खुद उनके ही अधिकारी पलीता लगा रहे है। किसान रामविलास, चंद्रिका साहू व संतोष कुमार मौर्य किसानों की समस्या को लेकर आमरण अनशन पर बैठ गए। इनके साथ आस पास के किसान भी आमरण अनशन में शामिल हो गए है। भदेसर मऊ के किसान संतोष मौर्य ने बताया कि कई बार अधिकारियों को सूचना देने के बाद भी अभी तक नहरों की सफाई नही हुई। आरोप है कि कमीशनखोरी के चलते कागज़ों पर तो साफ़ सफाई दिखाई जा चुकी है लेकिन जमीनी हकीकत में नहरों व माइनरों में जंगल खड़ा हुआ है।

किसान समस्या- समाधानलखनऊ में किसानों का आमरण अनशन
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