कंचन उजाला लखनऊ। बख्शी का तालाब (बीकेटी) स्थित एयरबेस से जोधपुर जा रहे एक फाइटर जेट प्लेन का टायर शहीद पथ से चोरी हो गया। ट्रेलर ड्राइवर की तहरीर पर आशियाना थाने में केस दर्ज किया गया है। अब पुलिस रास्ते के सभी CCTV को खंगाल रही है। चोरी के इस प्रकरण में किसी देश विरोधी ताकत होने की आशंका से एयरफोर्स का इंटेलिजेंस विभाग भी अलर्ट हो गया है। एयरफोर्स ने ट्रेलर ड्राइवर को हिरासत में लिया है। साथ ही ट्रेलर को भी कब्जे में ले लिया है।
5 टायर जोधपुर भेजे जा रहे थे
लखनऊ के बीकेटी में मध्य वायु कमान का बेस है। यहां से एक फाइटर जेट के 5 टायर जोधपुर एयरबेस भेजे जा रहे थे। 27 नवंबर की रात करीब 2 बजे सेना से संबद्ध ट्रेलर (RJ01GA-3338) टायर लोड करके निकला। गाड़ी को शहीद पथ होते हुए कानपुर रोड पर निकलना था। अजमेर के मायापुर का रहने वाला ड्राइवर हेम सिंह रावत गाड़ी चला रहा था। हेम सिंह का दावा है कि शहीद पथ पर SR होटल के पास जाम लगा था।
इस बीच ट्रेलर के पीछे चल रही ब्लैक स्कॉर्पियो से उतरे 2 लोगों ने रस्सी काटकर 1 टायर उतार लिया। ट्रैफिक की वजह से वह गाड़ी किनारे लगाकर उन्हें पकड़ नहीं पाया। इस बीच स्कॉर्पियो सवार भाग निकले। हेमसिंह ने इसकी सूचना 112 नंबर पर पुलिस को दी। पुलिस उसे गाड़ी के साथ आशियाना थाने ले गई। यहां संवेदनशील मामला देख रिपोर्ट दर्ज कर छानबीन शुरू की गई। लेकिन चोरों का सुराग नहीं लगा। आशियाना इंस्पेक्टर धीरज शुक्ला का कहना है कि शहीद पथ से लेकर आसपास के सभी रास्तों के CCTV कैमरे खंगाले जा रहे हैं।
एयरफोर्स ने ड्राइवर को हिरासत में लिया
ड्राइवर हेमसिंह बाकी के 4 टायर लेकर 30 नवंबर को जोधपुर एयरबेस पहुंचा। इस पर एयरफोर्स की पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। उसके ट्रेलर से फाइटर प्लेन के स्पेयर्स का ट्रांसपोर्टेशन होता है। सेना को आशंका है कि किसी दुश्मन की साजिश के तहत टायर चोरी हुआ है। अफसरों का कहना है कि गाड़ी हेमसिंह की है। वह कई साल से सेना से संबद्ध है। एयरबेस और सेना के संवेदनशील परिसरों में उसकी पहुंच रहती है। जिस टायर की प्लेन के अलावा कहीं और उपयोगिता नहीं है। उसका इस तरह चोरी होना संदेह का कारण बन रहा है।
एटीएस भी कर सकती है जांच
फाइटर प्लेन का पहिया चोरी होने के पीछे का कारण देशविरोधी ताकतों का होना भी बताया जा रहा है। इस बड़ी घटना के अनावरण की क़वायद तेज़ हो गई है। सूत्रों के मुताबिक भारत की आंतरिक सुरक्षा से जुड़े इस मामलें की गम्भीरता को देखते हुए एटीएस भी जांच कर सकती है।