______★_____उत्तर प्रदेश सरकार के सभी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को विवाह में दहेज न लेने का प्रमाण पत्र देना होगा। 31 अप्रैल 2004 के बाद जिनका विवाह हुआ है उन्हें अपने नियुक्ति अधिकारी को यह प्रमाण पत्र देना होगा।_______★______
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार महिलाओं के ख़िलाफ़ हो रहे घरेलू हिंसा के मामलों को लेकर गम्भीर होती नजर आ रही है। दहेज़ लोभियों के खिलाफ सरकार एक्शन की तैयारी के मास्टर प्लान तैयार कर चुकी है। अब यूपी सरकार के सभी विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को विवाह में दहेज न लेने का प्रमाण पत्र देना होगा। आपको बता दे कि, 31 अप्रैल, 2004 के बाद जिनका विवाह हुआ है उन्हें अपने नियुक्ति अधिकारी को यह प्रमाण पत्र देना होगा। महिला कल्याण विभाग ने बीते 12 अक्टूबर को सभी सरकारी सेवकों को प्रमाण पत्र देने के लिए आगामी 18 अक्टूबर तक का समय दिया है।
दरअसल, प्रदेश में दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 के तहत उत्तर प्रदेश दहेज प्रतिषेध नियमावली 1999 लागू है। इसमें वर्ष 2004 में संशोधन करते हुए नियम पांच में यह व्यवस्था की गई है कि प्रत्येक सरकारी सेवक अपने विवाह के समय यह उल्लेख करते हुए अपने नियुक्ति अधिकारी को स्वहस्ताक्षरित घोषणा पत्र प्रदान करेगा कि उसने अपने विवाह में कोई दहेज नहीं लिया है। इसी नियम का पालन कराने के लिए एक बार फिर महिला कल्याण विभाग ने सभी विभागों को पत्र भेज दिया है।
निदेशक, महिला कल्याण मनोज कुमार राय ने बताया कि 31 अप्रैल 2004 के बाद विवाहित सरकारी सेवकों को दहेज न लेने का घोषणा पत्र देना होगा। सभी विभागाध्यक्षों को अपने यहां की संकलित सूचना 18 अक्टूबर तक अनिवार्य रूप से ईमेल के जरिये भेजने के लिए कहा गया है।
■ घोषणा पत्र झूठा निकला तो कार्रवाई तय
सूत्र बताते है कि विवाहित सरकारी सेवकों द्वारा दहेज़ न लेने का घोषणा पत्र यदि झूठा साबित हुआ तो आरोपी अफसर- कर्मचारियों का निलंबन तय माना जा रहा है। महिला कल्याण विभाग अब घरेलू हिंसा के ख़िलाफ़ एक्शन मोड़ में दिखाई दे रहा है।